Categories: हिन्दी-उर्दू कविता

Anjali Gupta
In One Word.....Butterfly!
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
तुम्हें क्या कहूँ
तुम्हें चांद कहूं, नहीं, तुम उससे भी हंसीन हो। तुम्हें फूल कहूं, नहीं, तुम उससे भी कमसीन हो। तुम्हें नूर कहूं, नहीं, तुम उससे ज्यादा…
कुछ दिल की सुनी जाये
चलो रस्मों रिवाज़ों को लांघ कर कुछ दिल की सुनी जाये कुछ मन की करी जाये एक लिस्ट बनाते हैं अधूरी कुछ आशाओं की उस…
O raina tujhe mai kya kahu
ओ रैना, तुझे मैं क्या कहूं? रात कहूं, रैना कहूं या निशा कहूं, मिलता है दिल को सुकून, साये में तेरे, मिट जाती है सारी…
गीत कहूँ कैसे अब मैं.
गीत लिखूँ कैसे अब मैं, गीत कहूँ कैसे अब मैं. सब शब्द तुम्हारे प्रेमी है,हर कविता तेरी दासी है, हर वाक्य तुम्हारा वर्णन है, हर…
nice
thank u ajay
Nice Anjali Jee, feel like replying ..will try to write down few lines….with your permission please
definitely!!
sorry for late reply
वाह बहुत सुंदर