इश्क-ए-खुदाई – 6

इश्कखुदाई

भी कैसा सौदाई है

खुदी ख़ुद में घोल

ख़ुद को ही पिलायी है

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

NASHA

चल अाज सब कुछ भुला के एक मज़ा सा करते हैं, तफ़रीकें मिटा के दिल-ओ-दिमाग़ को एक रज़ा सा करते हैं, दुनिया की सुद्ध में…

Responses

+

New Report

Close