एक वक़्त वो भी था
पिछले साल की बात 2020 का एक वक़्त वो भी था,
एक वक़्त वो भी था, जब हम अजनबी हुआ करते थे,
एक वक़्त वो भी था, जब वो अजनबी हो कर भी अपना सा लगा करता था,
एक वक़्त वो भी था, जब मेरी आंखें सिर्फ तुम्हे ही ढूंढा करती थी, .
एक वक़्त वो भी था, जब तुम्हे न देखो तो दिल में बहुत बेचैनी सी हुआ करती थी,
एक वक़्त वो भी था, जब सिर्फ आँखों ही आँखों से बात हुआ करती थी,
एक वक़्त वो भी था, जब तुम्हारी एक झलक देख कर, मै एक बड़ी सी स्माइल किया करती थी
एक वक़्त वो भी था, जब दिल तुम से बात करने के लिए बेचैन रहता था,
एक वक़्त वो भी था, जब दिन – रात फोन कॉल पर लगे रहते थे, फिर भी हमारी बाते ख़त्म नहीं होती थी,
एक वक़्त वो भी था, जब ऑफिस टाइम में भी हम दोनो फेसबुक पर एक दूसरे को टेक्स्ट मैसेज (Text message) किया करते थे,
एक वक़्त वो भी था, जब दिल सिर्फ तुम को ही याद किया करता था,
एक वक़्त वो भी था, जब ख्वाबों, ख्यालो में भी तुम्हारा नाम आता था, .
एक वक़्त वो भी था, जब हर दुआ में तुम्हारा नाम शामिल होता था
एक वक़्त वो भी था, जब तुम्हे खुदा से माँगा जाता था
एक वक़्त वो भी था, जब तुम्हारे ऑनलाइन(Online) आने का घंटों(hours) वेट(wait) किया जाता था
एक वक़्त वो भी था, जब तुम्हें फेसबुक (Facebook) और व्हाट्सएप(Whatapp) पर ऑनलाइन देख कर
मानो दुनिया की सारी खुशियां ही मिल गयी हों,
एक वक़्त वो भी था, मानो ऐसा लग रहा था रब ने मेरी सुन ली हो,
एक वक़्त वो भी था, जब हम फ्रेंड्स(friends) बन गए थे
एक वक़्त वो भी था, जब हम दोनों ने प्यार का इज़हार कर दिया था,
एक वक़्त वो भी था, जब फ़ोन पे घंटों बात हुआ करती थी
एक वक़्त वो भी था, जब सुबह, तुम्हारी फोटो देख के होती थी
एक वक़्त वो भी था, जब तुम्हारी एक ही फोटो को सौ – सौ बार देखा जाता था
एक वक़्त वो भी था, जब एक दिन भी उसकी फोटो देखे बिना रहा नहीं जाता था
एक वक़्त वो भी था, जब दो मिनट बात करके भी दिन भर खुश रहा जाता था
एक वक़्त वो भी था, जब सिर्फ मै बोलती रहती थी और वो सुनता रहता था
एक वक़्त वो भी था, जब सिर्फ उसके दिल की सुनी जाती थी
एक वक़्त वो भी था, जब दिलो और दिमाग पर सिर्फ तुम्हारा ही राज होता था
एक वक़्त वो भी था, जब उसकी फोटो न देखो तो दिन सूना – सूना सा लगता था
एक वक़्त वो भी था, जब मै अपनी बातों से तुम्हें बोर किया करते थी और उसका रिप्लाई हाँ(haaaa)
हूँ (huuu) हम्म (hmmmmm) में ख़त्म हो जाया करता था,
एक वक़्त वो भी था, जब तुम्हारे और मेरा रास्ता अलग हो गया था
और एक आज का वक़्त है.. (आज का वक़्त इस साल की बात 2021) जब तुम्हारे पास होने या पास न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता,
और न ही दिल में तुम्हारे पास मेरे लिए कोई जगह नहीं है अब हम फिर से अजनबी हो चुके हैं..
बहुत खूब
यादों की दास्तां बयां करती हुई एक खूबसूरत रचना
Thank u ji
Thank u ji