एतराज
बहुत सुकून हो मोहब्बत तुमको एतराज हो हमसे.
इस फिजा की तफतिश में एक बार हो हम से .
कोई रेहबर हुआ था मेरा जिसे हमसे इल्तिजा थी इतनी.
मोहब्बत में अश्को से रुठा जाना हुआ हैं .
दोहमत लगती मोहब्बत छोड़ आये.
हम तो जींदगी का सुकून छोड़ आये.
अवधेश कुमार राय “अवध”
वाह
Wow