Categories: शेर-ओ-शायरी
rajesh arman
हर निभाने के दस्तूर क़र्ज़ है मुझ पे
गोया रसीद पे किया कोई दस्तखत हूँ मैं
राजेश'अरमान '
Related Articles
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
ख़ुद को मैं बेकार समझता हूँ,
मैं ख़ुद को बेकार समझता हूँ, हूँ नहीं, मगर यार समझता हूँ, आपकी भी कहानी से वाक़िफ हूँ, आपका भी किरदार समझता हूँ, आप मुझे…
हर बार गिरे
हर बार गिरे ,फिर सम्भले सिलसिला ये बरक़रार रखते है हम वो गुलिस्ता है जो फूलों से नहीं काटों से प्यार रखते है तिरी…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
इन्सान खुद से दूर हो रहा है
जानकर मजबूर हो रहा है
nice n thanx
Good
Good