किनारा

रात के ख्वाबों में भी उसका सहारा चाहिये, दिन के हर लम्हात में उसका इशारा चाहिये,
हुजूर वो भी इन्सान है शैतान नहीं ,उसकी पलकों को भी तो दरिया का किनारा चाहिये,

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Responses

      1. गर तलाश गैरों की हो तो की भी जायें अपनों को किस महफिल में तलाशें |
        पर आपका तजुर्बा मुझसे ज्यादा है इसलिये लगा हूँ तलाश में …

      2. कुछ चीजों की तलाश पूरी नहीं होती…..पर ज़रूरी होती है !!

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