किस्मत की नाव

चढ़ती लहरो को पार ना पाये
किस्मत की मेरी नाव है कैसी ||
पुकारे तो नाम में सच पाये
झूठी ले रहे ये सांस है कैसी ||
सपनो की तरंग पनप ना पाये
मंजिलो की ये उलझन कैसी ||
मौत से जुड़ चल रही है जिन्दंगी
मेरे अपनों की ये दुवाएं है कैसी ||
उमंग संग उड़ भी ना पाये
आजादी की ये अंदरुनी सलाखें है कैसी ||
चढ़ती लहरो को पार ना पाये
किस्मत की मेरी नाव है कैसी ||
– सचिन सनसनवाल
वाह