कुछ ख्वाब के
कुछ ख्वाब के
पत्थर सिर पे लगे है,
खून रिसता नहीं
बस जम सा गया है
हर लम्हा जैसे
बस थम सा गया है
राजेश ‘अरमान ‘
कुछ ख्वाब के
पत्थर सिर पे लगे है,
खून रिसता नहीं
बस जम सा गया है
हर लम्हा जैसे
बस थम सा गया है
राजेश ‘अरमान ‘
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Good
बहुत सुंदर