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जज़्बाते – दिल

अजीब सी है ये ज़िन्दगी,
कभी, फूलों सी कोमल लगी।
कभी शमशीर की धार हुई,
दिल के जज्बातों को जब- जब किया बयां,
एक कविता हर बार हुई ।

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