जीत का परचम Geeta kumari 4 years ago नारी हो निराशा नहीं, टूटे ना तेरी आशा कहीं,। निशा है तो नव – प्रभात भी आएगा । तेरी जीत का परचम लहरएगा । खोखले, ढकोसले, न तुझे रुलाएं, खुदी को कर बुलंद इतना, कि हवा भी पूछ के आए ।