जीने की ख्वाहिश न मरने का गम है!
जीने की ख्वाहिश न मरने का गम है!
है अधूरी कहानी जख्म ही जख्म है !!
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न तुमने कहा कुछ न हमने कहा कुछ!
बढी फिर भी दूरी ये वहम ही वहम है!!
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कहीं तिरगी है और कहीं तन्हा राते !
कहीं पर है महफिल जश्न ही जश्न है!!
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न वक़्त तुमको मिला न हमको मिला!
जो दिल मे थी बातें दफ्न की दफ्न है!!
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सदिया है गुजरी ना है आहट ही कोइ!
ना साहिल को ही कोई रंज ओ गम है!!
@@@@ RK@@@@
nice
Thanks
Nice lines
Thanks
वाह
Waah