जुबाँ

1457579583616

आखिर तुझे भी कोई बुला रहा होगा ,तुझे याद कर कर
के कोई मुस्कुरा रहा होगा |
यूँ ही नहीं जुबाँ लड़खड़ा जाती है हर किसी को देखकर, कोई तुझे भी नगमों में गा रहा होगा |

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

लाल चौक बुला रहा हमें, तिरंगा फहराने को

सिहासन के बीमारों ,कविता की ललकार सुनो। छप्पन ऊंची सीना का उतर गया बुखार सुनो। कश्मीर में पीडीपी के संग गठजोड किये बैठे हैं। राष्ट्रवाद…

Responses

New Report

Close