जो हो गयी है बंजर जमीन
जो हो गयी है बंजर जमीन, जमाने कि दिल की
तू कुछ अश्क बहाकर इसे नम कर दे||
हो गया हो अगर सूना तेरे मन का आंगन
इक पक्षी को रखकर इसमें कलरव भर दे||
मैं नही हूं तेरे करीब ये न सोच कभी
मेरी यादों को तो अपने दिल में घर कर दे||
अजीब सा है मगर, रिश्ता तो है तेरे मेरे दरम्या
आज इस रिश्ते को हम चलो अमर कर दे||
वाह!
Thank you so much 🙂
वाह वाह बहुतखूब बहुत सुन्दर शानदार
Shukriya aapke pyaar bhare comment ke liye 🙂
उम्दा लेखनी
Bhut khoob
वाह बहुत सुंदर रचना