तलाश राही अंजाना 7 years ago न दिल तलाश कर न धड़कन तलाश कर, जो रूह में घर कर जाए वो दरिया तलाश कर, झुकता नहीं है आज कोई सर किसी के आगे, जहाँ हर आदमी झुक जाए वो चौखट तलाश कर, शर्म के तकिये पर अब कोई सिमटता कहाँ हैं, जो हर सिलबट मिटा दे वो बिस्तर तलाश कर॥ राही (अंजाना)