तिरंगा बस झण्डा नहीं
हम सब का सम्मान है।
तिरंगा कोई कपडा नहीं
पूरा हिन्दुस्तान है।।
तिरंगा कोई धर्म नहीं
सब धर्मों की जान है।
तिरंगा बस आज नहीं
पुरखों की पहचान है।।
तिरंगा बस ज्ञान नहीं
ज्ञान का वरदान है।
तिरंगा कोई ग्रंथ नहीं
पर ग्रंथों का संज्ञान है॥
तिरंगा में दंगा नहीं
हिन्दु और मुसलमान है ।
तिरंगा कोई गीत नहीं
प्रार्थना और अजाने है॥
तिरंगा कोई मानव नहीं
मानवता की पहचान है।
तिरंगा में जाति-धर्म नहीं
ये तो हमारा भगवान् है॥
ओमप्रकाश चन्देल”अवसर’
पाटन दुर्ग छत्तीसगढ़
7693919758