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दोस्ती

कभी बुलाये प्यार से
कभी बुलाये मजाक से
ज़िन्दगी की हर घडी ये साथ देती है
दोस्ती होती ही ऐसी है

दिल होवे गम में
तो ये बात करे नरम में
छोटी ख़ुशी में भी
पार्टी मांगे जमके
मूड चाहे जैसा हो ये मज़ाक करती है
दोस्ती होती ही ऐसी है

किसी से हुई मारपीट हो
किसी ने कर दिया चीट हो
ये उसको भी पछाड़ देती है
दोस्ती होती ही ऐसी है

ये ना बुलाये कभी नाम से
दूसरा उड़ाए मजाक तो
गया वो काम से
हर बात में ये पास होती है
दोस्ती होती ही ऐसी है

दोस्ती की रीत तो पुरखो से चली आयी है
विभीषण जैसा मित्र पाकर श्री राम ने रावण पर विजय पायी है
दोस्त हर वादा निभाता पूरा है
दोस्त ही नहीं तो जीवन अधूरा है
परिवार भेजे सही राह पे तो मंज़िल ये पहुँचती है
दोस्ती होती ही ऐसी है

हिमांशु के कलम की जुबानी

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