नव-वर्ष
- नवल सुबह की नव शुभ किरणें करें सभी का वन्दन ,
क्रन्दन रुदन से रहे परे , करें सभी का अभिनन्दन,
हो देवों की विजय सदा असुरों का संहार करें ,
सुन्दरता जीवन में खोजें दुर्जनता का नाश करें,
मन में पावन ज्योति जला लें पापों का हम त्याग करें ,
मन पावन ,विचार पवित्र हो सब का हम सम्मान करें ,
निश्छलता सब में वास करे सृष्टी भी अट्टाहास करे,
सब की अपनी मर्यादा हो सब का अपना मान रहे ,
भारत माता की शान रहे सब धर्मों का सम्मान रहे ,
मृत्यु शैय्या है निश्चित फिर क्यों इतना भेद रहे ,
ऊँच नीच का भेद न हो समता का हम गान करें ,
इन्ही शुभ इच्छाओं के साथ नववर्ष का आह्वान करें, - भारतीय नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें – Ushesh Tripathi
shabd b shabd kaabil e taarif!
सह्रदय धन्यवाद |
nice poem bro
Thank u
बहुत सुंदर प्रदर्शित किया