नींद

बड़ी बेदर्द सी रातें है काफ़ी सुन के सोता हूँ,
जहाँ तुम याद आती हो , वहीं चुपके से रोता हूँ|
ये रोने और सोने का नहीं है सिलसिला लेकिन ,
कहीं जब दर्द आँखों में चढ़े तब नींद आती है |

…atr

kafi is a raag of midnight in Indian classical music

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