रेलगाड़ी की खिड़की में बैठा,
एक युवक बोला पापा से
कितने सुंदर पेड़ पौधे हैं,
कितनी सुंदर है हरियाली
ये सब कहते कहते उसके मुख पर,
आ गई खुशियों की लाली
वाह, कितने सुंदर तारे है,
कितनी सुंदर है ये रात
एक पड़ोसी महिला यात्री,
हैरान हुई सुनकर ये बात
बोली उसके पापा से,
भैया इसे कहीं दिखाओ
कैसी बातें कर रहा है लड़का,
किसी डॉक्टर के ले जाओ
वह मुस्कुरा कर बोला,
बहिन, डॉक्टर के यहां से ही आया
जन्म से अंधा था ये बालक,
आज ही ऑपरेशन करा के लाया ।
✍️.. गीता कुमारी