पुलवामा शहीदों को याद करते हुए मेरे कुछ शब्द

याद आज वो मंजर आता है
पीठ में खोंफा वो खंजर आता है।
बदन पर लिपटा था तिरंगा उनके
मर मिट गए थे वतन पर जिनके
याद आता है वो वक्त
जब बाप बेटे को कंधा देने चला
धरा को वीर देने वाले तुझसे धन्य कौन है भला
वीर वधू जो अंतिम बार अपने पति को निहार रही थी
बहन जो बार-बार अपनी कलाई को देख रही थी।
पर याद आते हैं जब वो
इंकलाब वंदे मातरम जय हिंद के नारे
नम आंखों के साथ छाती फुल जाती हैं गर्व के मारे।
लाल दिया है अपना जिसने धन्य भारत की धरती को
करता हूं वंदन मै उस वीर प्रसूता नारी को।।
वतन को अपना शीश देने वाले कसम है मुझको आज देरी
मर जाऊंगा मिट जाऊंगा पर
व्यर्थ न जाने दूंगा शहीदी तेरी।

Related Articles

पुलवामा शहीदों को याद करते हुए मेरे कुछ शब्द। मेरा प्रथम प्रयास कुछ भी सुधार की जरूरत लगे तो कमेंट जरुर करे

याद आज वो मंजर आता है पीठ में खोंफा वो खंजर आता है। बदन पर लिपटा था तिरंगा उनके मर मिट गए थे वतन पर…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

New Report

Close