बंद कर देखों

बंद कर देखों
नयन अपने
खुली रहने दो ,
सब जो नयन नहीं है
नयन से देखने का
अभ्यास अविरल है
स्वयं अन्य इन्द्रियों
की दृष्टि शक्ति
कम की है
अभ्यास एक शास्वत
जीवंत परिणाम है
एक क्रिया है
कभी कण की
उपस्थिति को
स्पर्श किया है
कण की अनुभूति
खुले नयनों से नहीं हो सकती
उस कण को जिस
समय आत्मसात
कर लोगे
वहीँ से होगा प्रारम्भ
तुम्हारा जीवन
राजेश ‘अरमान’

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

अपहरण

” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों  की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…

अभ्यास कीजिये

पानी है यदि सफलता अभ्यास कीजिये, अपने हुनर का तुम निरंतर अभ्यास कीजिये। व्यवहार में कमी हो कहीं अहसास कीजिये कमियां सुधारने का, अभ्यास कीजिये।…

Responses

New Report

Close