Categories: शेर-ओ-शायरी
Tags: #shayri
UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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यूं तेरी रह गुज़र से दीवाना-वार गुजरे कांधे पे अपने रख के अपना मज़ार गुजरे बैठे रहे रस्ते में , दिल का खंडहर सजा कर…
बहुत याद आते हैं
बहुत याद आते हैं, वो गुजरे हुए पल। वो तुम्हारे खत का इंतजार। हर पल मिलने को बेकरार। गलियों में घुमना बनकर आवारा, पाने को…
जिस खेत मे पानी दे रहे थे हम बरसो से
जिस खेत मे पानी दे रहे थे हम बरसो से । लोग कहते है वो बंजर थी ज़मीन बरसो ।।
चिठ्ठी और मोबाइल
आज एक नयी धुन लगी मेरे मोबाइल को बोला आज याद आ रही है चिट्ठी अम्मा की मिलने की जिद पकड कर के निकला पडा…
दीवाना
उनकी गली से जो गुजरे वो दीवाना हो जाता है भटक जाता है वो, मजनू हो जाता है हम भी गुजरे थे इक दफ़ा उनकी…