बेटी से सौभाग्य
बेटी है लक्ष्मी का रुप,
मिलतीं है सौभाग्य से,
घर का आंगन खिल जाता है,
उसकी पायल की झन्कार से।
बेटी ही तो मां बनकर,
हमको देती नया जनम,
सम्मान करें हर बेटी का,
यह है हर मानव का धरम,
जनम न दोगे बेटी को तो,
संसार ये रुक जाएगा,
बिन बेटी के, बेटे वालो,
बेटा न हो पाएगा।
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Ashmita Sinha - December 16, 2018, 4:20 pm
बहुत प्यारी कविता
Annu Burnwal - December 16, 2018, 6:08 pm
धन्यवाद
राही अंजाना - December 16, 2018, 10:02 pm
बढ़िया
देवेश साखरे 'देव' - December 17, 2018, 4:04 pm
सुंदर रचना
महेश गुप्ता जौनपुरी - September 8, 2019, 6:03 pm
वाह बहुत सुंदर
राम नरेशपुरवाला - September 11, 2019, 3:40 pm
Good
Kanchan Dwivedi - March 8, 2020, 7:24 pm
Nice
Satish Pandey - July 31, 2020, 9:23 am
बहुत खूब
Abhishek kumar - July 31, 2020, 9:27 am
👏👏
मोहन सिंह मानुष - August 28, 2020, 6:20 am
सुन्दर अभिव्यक्ति