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माँ की करनी

कोई भी कमी कोई भी शिकायत नहीं छोड़ती,

अपने बच्चे की परवरिश में वो माँ कोई खामी नहीं छोड़ती,

खुद रह भी ले भूखी पर वो माँ किसी दिन भी बच्चे को भूखा नहीं छोड़ती,

लड़ जाती है कलयुगी काल से भी पर,

वो माँ अपने बच्चे की खातिर कोई कसर नहीं छोड़ती,

खुद जागती रहती है पूरी रात चिन्ता में फिर भी,

पर वो माँ हमे सुलाने को कोई लोरी नहीं छोड़ती,

करती है दिन रात मेहनत हर तरह से देखो,

पर वो माँ हमारे ऐशो आराम में कोई कमी नहीं छोड़ती॥
राही (अंजाना)

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