Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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योग गीत – करो निरोग काया |
21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक बधाई योग गीत – करो निरोग काया | ये योग साधना की है अजीब माया | कभी…
हिमालय के उतुंग शिखर से
हिमालय के उतुंग शिखर से सिंह ने भरी ऊँची दहाड़ है तूफान क्या टकराएगा उससे जो स्वयं फौलादी पहाड़ है सारे जहाँ में अब भगवा…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
मोर रंग दे बसंती चोला, दाई रंग दे बसंती चोला
ये माटी के खातिर होगे, वीर नारायण बलिदानी जी। ये माटी के खातिर मिट गे , गुर बालक दास ज्ञानी जी॥ आज उही माटी ह…
ठहरो-ठहरो इनको रोको, ये तो बहसी-दरिन्दें हैं ।
ठहरो-ठहरो इनको रोको, ये तो बहसी-दरिन्दें हैं । अगर इसे अभी छोड़ डालोगे. तो आगे इसका परिणाम बुरा भुगतोगे ।। ठहरो-ठहरो इनको रोको, ये तो…
Uttam