मुक्तक

क्यों मेरी जिन्द़गी से दूर हो गये हो तुम?
हुस्न के रंगों से मगरूर हो गये हो तुम!
भूला नहीं हूँ आज भी मैं कसमों को तेरी,
वेवफाओं में मगर मशहूर हो गये हो तुम!

#महादेव_की_कविताऐं’

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