मुक्तक

मैं ख़ुद की तरह ज़ीने का जुनून रखता हूँ।
मैं दिल में अरमानों का मज़मून रखता हूँ।
हौसला क़ायम है अभी दर्द को सहने का-
मैं ख़ुद में तूफ़ानों को मक़नून रखता हूँ।

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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