मुखौटा

नक़ली चैहरो के नक़ली शहर में घूम रहे लिए नक़ली मुखौटा,
मन में राम बगल में छुरी ,राम राम की माला जपता मुखौटा।

दुनिया की भीड़ में शामिल हों, ईमानदारी की रस्में भूला,
हर लम्हा लम्हा लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहा मुखौटा।

परिंदे शुक्रगुजार हैं पेड़ों के, तिनका तिनका कर घरौंदा बुनता,
अपने को विश्वास में लेकर कितनों की जिंदगी गुमनाम कर रहा मुखौटा।

मुखौटों के पीछे कितने बदरंगी चैहरो की असलियत है छिपी,
किसी का दामन, किसी की इज्जत लूट जश्न मना रहा है मुखौटा।

कितने ग़म हमने छिपा रखें है इस मुखौटे के पीछे हमने,
लोगों की मानसिकता से और धूप छांव सा आभासित होता मुखौटा।।

डॉ राजमती पोखरना सुराना
भीलवाडा राजस्थान
तिथि २८/१/१८

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

कोरोनवायरस -२०१९” -२

कोरोनवायरस -२०१९” -२ —————————- कोरोनावायरस एक संक्रामक बीमारी है| इसके इलाज की खोज में अभी संपूर्ण देश के वैज्ञानिक खोज में लगे हैं | बीमारी…

अपहरण

” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों  की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…

Responses

+

New Report

Close