मुझे चाहतों का मिल गया ईनाम है
मुझे चाहतों का मिल गया ईनाम है!
डरा-डरा सा हर ख्वाब का पैगाम है!
अरमान कुचल रहे हैं दर्द के कदम से,
किसी की याद में मयकशी हर शाँम है!
तेरी चाहत का गुनाहगार हूँ मैं!
हर लम्हा तेरा ही तलबगार हूँ मैं!
हरवक्त नज़र आता है ख्वाब तेरा,
तेरी तमन्ना का दर्द-ए-इजहार हूँ मैं!
nice 1
अरमान कुचल रहे हैं दर्द के कदम से — Subhaaan Allah … Mithilesh Bhai
Good
अरमान कुचल रहे हैं दर्द के कदम से,
Waah waah