राम-नाम
डूब वहाँ, मोती जहाँ, कंकड़ मत तू छान
सुख-माणिक का सिंधु बस, राम नाम ही जान
“मैं”, “मेरा” ही जगत में, सब कष्टों का मूल
“तू”, “तेरा” वह मंत्र जो, काटे कष्ट समूल
माया वह अंधी गली, ओर छोर न होय
राम-नाम दीपक बिना, पार भया ना कोय
राम- नाम से सिद्धि है , राम नाम ही युक्ति
राम नाम में प्राप्ति है, राम नाम ही मुक्ति
क्रोध, लोभ, दुर्भावना, सारे दुःख के द्वार
राम नाम का जाप ही, सुख का है भण्डार
आया तो था जगत में, बिल्कुल खाली हाथ
राम-नाम-धन जोड़ ले , जाएगा जो साथ
भजता जो प्रभु नाम को, पाता सुख समृद्धि
दमन इन्द्रियों का करे, मिल जावे है सिद्धि
राम-नाम चिंतन करें, मन में रख विश्वास
ईश-कृपा हो जायगी, मन में रक्खो आस
राम नाम जप यज्ञ से, तन मन होय पवित्र
हिय जागे अनुराग अति, रिपु बन जाए मित्र
प्रभू नाम का जाप ही, है जीवन का सत्य
माया, अर्थ, घमंड तो भंगुर और असत्य
Behtareen 🙂