“रावण का अहंकार” Pragya 3 years ago जो मनुज होते हैं धरातल पर ही रहते हैं जो दनुज होते हैं पवन में उड़ते रहते हैं रावण का अहंकार जब हद से बढ़ता है, लेकर धनुष और तीर राम संहार करते हैं यह मत समझ तू मूढ़ बुद्धी है नहीं मेरे बहरूपियों के हर रूप से हम परिचित रहते हैं..