वंदेमातरम् गाता हूँ ५

वंदेमातरम् गाता हूँ
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कट्टरता की दीमक चाट गयी, आज बंगला देश को।
भूल गये हो कैसे आज, मुक्ति वाहिनी के संदेश को॥
हिन्दू अस्थि भी शामिल है बंगाल की आजादी में।
भारत माँ भी रोईं थी, चिटगाँव की बरबादी में॥
बंगलादेश की आजादी पर,मैं विजय दिवस मनाता हूँ॥
क्रान्ति पथ पर निकला हूँ मैं, वन्दे मातरम् गाता हूँ।।
इस्लाम के नाम पर तूने, ये कैसा उत्पात मचाया है।
अपने ही देशवासियों पर, तूने खूनी कहर ढ़ाया हैं।।
बंगलादेश को लेकर हिन्दू आँखों के कुछ सपने थे।
खून बहाया तुमने उनका, जो बरसों तक अपने थे।।
दीवाली तुम भूल गये लेकिन, मैं अब भी ईद मनाता हूँ।
क्रान्ति पथ पर निकला हूँ मैं , वन्दे मातरम् गाता हूँ॥
धर्म निरपेक्षता के नाम पर, कभी ये मुल्क बना था
शेख रहमान के दिखाये पथ पर बंगला देश चला था।
हिन्दू और मुसलमान हर दुख दर्द के साथी थे।
आमार सोनार बंगला कहने वाले वो आंधी थे।।
आज वही हिन्दू अपने देश से निकाला जाता हूँ।
क्रान्ति पथ पर निकला हूँ मैं, वंदेमातरम् गाता हूँ॥
ओमप्रकाश चंदेल “अवसर”
पाटन दुर्ग छत्तीसगढ़
7693919758
Jai hind !!
Ati sundar
behtareen…
वाह