Author: ओमप्रकाश चंदेल
मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नही। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
लाल चौक बुला रहा हमें, तिरंगा फहराने को
सिहासन के बीमारों ,कविता की ललकार सुनो। छप्पन ऊंची सीना का उतर गया बुखार सुनो। कश्मीर में पीडीपी के संग गठजोड किये बैठे हैं। राष्ट्रवाद…
हमर डाक्टर दवा नही दारु देथे
https://youtu.be/9q3bESm_cFo
छत्तीसगढीया बघवा पीला मन दहाडेल सीखव रे
छत्तीसगढीया बघवा पीला मन दहाड़ेल सीखव रे
मैं छत्तीसगढ़ बोल रहा हूँ
https://youtu.be/Y79WeR6uFjIhttps://youtu.be/Y79WeR6uFjI
मैं छत्तीसगढ़ बोल रहा हूँ
मै चंदुलाल का तन हूँ। मैं खुब चंद का मन हूँ। मैं गुरु घांसी का धर्मक्षेत्र हूँ। मैं मिनी माता का कर्म क्षेत्र हूँ।। मैं…
हाथ खाली रह गया है
हाथ खाली रह गया है। पास था जो बह गया है।। नाज़ है उनको, महल पर औ शहर ही बह गया है॥ कुछ यहाँ मिलता…
बिकने दो! शराब अभी इस गाँव में…
बिकने दो! शराब अभी इस गाँव में। अभी भी कुछ बच्चे स्कूल जाते हैं घर आकर क ख ग घ गाते हैं। लेकिन कुछ बच्चे…
तिरंगा हमारा भगवान है
तिरंगा बस झण्डा नहीं हम सब का सम्मान है। तिरंगा कोई कपडा नहीं पूरा हिन्दुस्तान है।। तिरंगा कोई धर्म नहीं सब धर्मों की जान है।…
क्या आप राष्ट्र वादी हैं?
आज सुबह से मैं, राष्ट्रवादी खोज रहा हूँ। कौन-कौन है देशभक्त ये सोच रहा हूँ॥ सुबह-सुबह किसी ने दरवाजा खटखटाया, देखा तो कन्हैया आया। उसके…
रहम करना ज़रा मौला
रहम करना ज़रा मौला, नमाजी हूँ तेरा मौला। तू ही तो मीत है मेरा, तू ही तो गीत है मेरा॥ किसी को गैर ना…
छत्तीसगढ़ के घायल मन की पीड़ा कहने आया हूँ।
मैं किसी सियासत का समर्थन नहीं करता हूँ। भ्रष्टाचार के सम्मुख मैं समर्पण नहीं करता हूँ॥ सरकारी बंदिस को मैं स्वीकार नहीं करता हूँ। राजनीति…
वंदेमातरम् गाता हूँ ५
वंदेमातरम् गाता हूँ ************************************* कट्टरता की दीमक चाट गयी, आज बंगला देश को। भूल गये हो कैसे आज,…
और बात थी
बात गर खत्म हो जाती तो और बात थी। रात गर खत्म हो जाती तो और बात थी। हीर और राँझा अब भी है देश…
खत्म हुई कहानी आज
खत्म हुई है कहानी आज बरबाद हुई जवानी आज। दुल्हन बनके चली गई है मेरे दिल की रानी आज। नजरें झुका के रहती थी, तेरी…
वंदेमातरम् गाता हूँ
नारों में गाते रहने से कोई राष्ट्रवादी नहीं बन सकता। आजादी आजादी चिल्लाने से कोई गांधी नहीं बन सकता। भगत सिंह बनना है तो तुमको…
मोर रंग दे बसंती चोला, दाई रंग दे बसंती चोला
ये माटी के खातिर होगे, वीर नारायण बलिदानी जी। ये माटी के खातिर मिट गे , गुर बालक दास ज्ञानी जी॥ आज उही माटी ह…
मैं अपनी मर्जी से नहीं आया था
बाबा साहेब की १२५ जंयती पर शुभकामनाएं मैं अपनी मर्जी से नहीं आया था न उनकी मर्जी से जाऊंगा। युग-युग तक सांसे चलेंगी अब, मैं…
नमो नमो नमो बुद्धाय
नमो नमो नमो बुद्धाय। मन हमारा शुद्ध हो जाए। कठोर वाणी त्याग दें। सत्य सबको बांट दे। कमजोरों को हाथ दें। निर्धन का हम साथ…
नारी बता दिया
मुझ जैसी भोली भाली को, “काली” बता दिया । झाङु ,पोछा, छितका की तो, घर वाली बता दिया । सज संवर के निकली तो मतवाली…
आज अवध में होली है और , मैं अशोका बन में
आज अवध में होली है और, मैं अशोका बन में। रंग दो मोहे राजा राम , मैं बसी हूँ कन कन में।। आँखे रोकर पत्थर…
मैं बच्चा बन जाता हूँ
कविता … “मैं बच्चा बन जाता हूँ” न बली किसी की चढ़ाता हूँ। न कुर्बानी से हाथ रंगाता हूँ। रोने की जब दौड़ लगती है,…
जब हम बच्चे थे
जब हम बच्चे थे , चाहत थी की बड़े हो जायें | अब लगता है , कि बच्चे ही अच्छे थे || अब न तो…
मेरा रंग दे बसंती चोला
जिस चोले को पहन भगत सिंह खेले, अपनी जान पे जिसे पहन कर राज गुरु मिट गए, अपनी आन पे आज उसी को पहन के…
खो गई मिट्टी की लाली
सोमवार, 17 अगस्त 2015 कविता …..खो ग ई मिट्टी की लाली……… खो गई है मिट्टी की लाली। मुरझा गई है धान की…
अपने काम आप करो
……कविता……. अपने काम, आप करो, मजदूरों को माफ़ करो। रहना है, अगर ठाठ से; तो साफ-सुथरा इंसाफ करो। हमको तुम, माफ़ करो, अपना, मन साफ़…
छप्पर उड़ गई है मिट्टी की दीवारों से
कविता … “ प्रेम ही बांटो हरदम, आप अपने सूझ-बुझ से” छप्पर उड़ गई है, मिट्टी की दीवारों से। तूफाँ भी मांग…
सिर पर जूता पेट पर लात
सिर पे जूता, पेट पे लात। दिल खट्टा और मीठी बात॥ नियम, कानून अमीरों का, अपने तो बस खाली हाथ॥ पूछ परख लो भूखों से…
रविदास को गुरु बनाकर हम भी मीरा बन जाएं
रविदास को गुरु बनाकर हम भी मीरा बन जाएं। द्वेष -कपट सब त्याग कर आज फकीरा बन जाएं। कोयला जैसा मन लेकर भटक रहा है…
लौट आओ अपने खेतों पर
लौट आओ अपने खेतों पर अब हरित क्रान्ति लिख देंगे। उजाड़ गौशाला को सजाकर अब श्वेत क्रान्ति लिख देंगे। फिर से नाम किसानों का लाल…
न्याय बीमार पड़ी है, कानून की आँख में पानी है
अत्याचार दिन ब दिन बढ़ रहे हैं भारत की बेटी पर। रो-रो कर चढ़ रही बिचारी एक-एक करके वेदी पर ।। भिलाई से लेकर दिल्ली…
होली, रुत पर छा गयी है
होली, रुत पर छा गयी। मस्तों की टोली आ गयी।। लाज़ शरम तुम छोड़ो। आज मुख मत मोड़ो।। दिल को दिल से जोड़ो। झूम कर…