Categories: Other

ओमप्रकाश चंदेल
कविता, गीत, कहानी लेखन
Related Articles
वंदेमातरम् गाता हूँ
नारों में गाते रहने से कोई राष्ट्रवादी नहीं बन सकता। आजादी आजादी चिल्लाने से कोई गांधी नहीं बन सकता। भगत सिंह बनना है तो तुमको…
वंदेमातरम् गाता हूँ ५
वंदेमातरम् गाता हूँ ************************************* कट्टरता की दीमक चाट गयी, आज बंगला देश को। भूल गये हो कैसे आज,…
हिन्दी सावन शिव भजन 20 – गाता है जग सारा |
हिन्दी सावन शिव भजन 20 – गाता है जग सारा | चम चम माथे चमके चन्दा बहे जटा बीच गंगा धारा | शिव शंकर की…
“मैं स्त्री हूं”
सृष्टि कल्याण को कालकूट पिया था शिव ने, मैं भी जन्म से मृत्यु तक कालकूट ही पीती हूं। मैं स्त्री हूं। (कालकूट –…
मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
Bahut khoob… waah
behatreen!!
bahut khoob 🙂
Bahut khoob sir ji
वाह