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सजाकर भाव रसना से

अहो, कविता!!
तुम तो
बहुत ही खूबसूरत हो,
सजाकर भाव रसना से
मधुर अभिव्यक्ति करती हो।
जीवन का सुख व दुख
सब कुछ समेटे हो
स्वयं में तुम,
समझ संवेदनाओं को
विलक्षण रूप देती हो।
जरा सी पंक्तियों में तुम
बड़ी सी बात कहती हो
सहृदय में विचरती हो
दिलों में राज करती हो।
जहां कोई न पंहुचा हो
वहां तक तुम पहुंचती हो,
बनी जीवन का आईना तूम
सुखद राहें दिखाती हो।

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