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सर्दी

तेरा चुपके से आना गजब,
घंटो धूप में बिताना गजब।
आग के पास सुस्ताने लगे हैं,
तुझे हर वक्त पास पाने लगे हैं।
तेरे यादों को मन में समेटे बैठे हैं

तन को कम्बल में लपेटे बैठे हैं।
तु आती हर साल हमें मिलाने के लिए,
मिठी यादो को जिंदगी में घुलानें के लिए।
सर्दी सिर्फ तु ही मेरे साथ वफा करती हैं,
प्रेयसी के यादों को जिंदा करती हैं।

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