सवाल .जवाब

सवाल .जवाब
बहुत कहा कोई नई राह चल
उसने कहा भीड़ के साथ चल
कुछ तो दिल की भी रख लो
दिल बस धड़कने के लिया रखा
कुछ तो जज़्बात होते है
ये कमजोरों की सौगात होते है
तनहा सफर फिर कैसे कटेगा
कौन से मुसाफिर मंज़िलें देते है
खुद से खफा क्यों होते हो
कौन सी तुम वफ़ा देते हो
अपने मौन को शब्दों में बदलो
मौन की चाबी फेंक डाली है
खुद को रिहा करों क़ैद से
क़ैद की चाबी फेंक डाली है
राजेश’अरमान’
Nice friend
thanx rohan
वाह
Good