सौगात माँगता है Pt, vinay shastri 'vinaychand' 3 years ago मेरी जान तुम्हारे जान का सौगात माँगता है। ये जान लिया, जब जान मेरी , ले जान हथेली दिन-रात माँगता है। । लाँघ नफ़रत की दरिया मुश्कत से इश्क का एक सरोवर आबाद माँगता है। बीत जाएगी ये रात काली ऐ ‘विनयचंद ‘ जुगनू -सी औकात माँगता है।।