Categories: शेर-ओ-शायरी
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
नही मिलते
ये रास्तें है कैसे हमसफ़र नही मिलते, छूट गए जो पीछे उम्र भर नही मिलते! सूख चूके है उनके दीदार के इंतजार में, हरे-भरे अब…
धरती माता
धरती माता ! धरती माता ! करूँ माँ कैसे मैं तेरा गुणगान, आज तो निकली जा रही है सबके प्राण | आज हर शै की…
मैं हूँ बेटियाँ
मैं हूँ बेटियाँ, मुझे सभी अपनों का, थोङा नहीं पूरा दुलार चाहिए, अपनी चाहतो को रंग देन, उमंगो के संग, उङने को पूरा आसमान चाहिए…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
Very Nice
Thank you