Site icon Saavan

आस पलती रही

वक्त थम सा गया, और ज़िन्दगी चलती रही।
तेरी याद बहुत आई, तेरी कमी खलती रही।
फ़िर ढूंढ़ने निकल पड़े तुझे, आंख के आंसू मेरे।
खैर, तू मिला नहीं, पर मिलने की आस पलती रही।

Exit mobile version