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आ के मिल

कोई जब जाता है, दूर कहीं,
यादें छोड़ जाता है, पास यहीं।
उससे कहो अपनी यादों से तो आ के मिल,
एक बार ही सही, फिर पहले सा आ के खिल।
यूं ही आजा एक बार कभी,
अच्छा, फिर से लौट जाने के लिए ही मिल,
तू ना आएगा, तो हम चले आएंगे, तेरे दर पे
चल ये ही सही,
बेचैन हुआ जाता है, कुछ चैन तो पायेगा ये दिल।

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