Categories: शेर-ओ-शायरी
Related Articles
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
कविता : मोहब्बत
नदी की बहती धारा है मोहब्बत सुदूर आकाश का ,एक सितारा है मोहब्बत सागर की गहराई सी है मोहब्बत निर्जन वनों की तन्हाई सी है…
गुनहगार हो गया
सच बोलकर जहाँ में गुनहगार हो गया, लोगों से दूर आज मैं लाचार हो गया। जो चापलूस थे सिपेसालार बन गए, मोहताज़ इक अनाज़ से…
चले आओ मेरी आँखों का पानी देखते जाओ
गजल : कुमार अरविन्द चले आओ मेरी आंखों का पानी देखते जाओ | कहानी है तुम्हारी ही , निशानी देखते जाओ | मैं जिन्दा हूं…
आराध्य:- हे कृष्ण ! पुन: तुम आ जाओ
हे कृष्ण ! पुन: तुम आ जाओ हे कृष्ण ! पुन: तुम आ जाओ || कि अब ना बजती बंशी की धुन कहीं गइयों को…
Responses