“किसान आन्दोलन”
जो बादल सदैव ही निर्मल वर्षा करते थे निज तपकर अग्नि में तुमको ठण्डक देते थे वह आज गरजकर तुम्हें जगाने आये हैं ओ राजनीति के काले चेहरों ! ध्यान धरो, हम ‘हल की ताकत’ तुम्हें दिखाने आये हैं… ——————————— धरती का सीना चीरकर जो उत्पन्न किया वह सफेदपोशों ने अपनी तिजोरियों में बंद किया हम वह ‘मेहनत का दाना’ उनस... »