Site icon Saavan

इन्सान

इन्सान नहीं कुछ बोलता
वक़्त हैं बोलता
बंदा कुछ नही
हालातों से घिरा हुआ
यह दिल है कुछ भरा हुआ
काफिला खट्टी-मीठी यादों का
छलकता पैमाना खुशियों का
दर्द भरे जज़्बातों का
समेटे कुछ आम – कुछ खास एहसासों का
पुलिंदा गलतियों का
नए पुराने किसी साज सा
उम्मीदों से बंधा हुआ
खवाबों से सजा हुआ
इन्सान बोले भी तो क्या बोले
नाच रहा किस्मत के हाथों
कठपुतली सा।

Exit mobile version