इश्क के बाजार में

इश्क के बाजार में दिल की तिजारत यूँ हुई
सपनों के बदले नींद गयी
बङी हिफाजत से रखा था प्यार दिल में
रूह,दिल,नजर दिमाक आ गये हिरासत में
खामोशी की लब्जों से बागाबत यूँ हुई ||
** ” पारुल शर्मा ” **

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