Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Akanksha Malhotra
I love Poetry !!
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
यादें
बेवजह, बेसबब सी खुशी जाने क्यों थीं? चुपके से यादें मेरे दिल में समायीं थीं, अकेले नहीं, काफ़िला संग लाईं थीं, मेरे साथ दोस्ती निभाने…
देश दर्शन
शब्दों की सीमा लांघते शिशुपालो को, कृष्ण का सुदर्शन दिखलाने आया हूं, मैं देश दिखाने आया हूं।। नारी को अबला समझने वालों को, मां…
कागज पे हालाते-दिल लिखते हुये इक दिन मौत आ जानी है
कागज पे हालाते-दिल लिखते हुये इक दिन मौत आ जानी है मुझे मरते , तड़पते , बिलखते हुये इक दिन मौत आ जानी है !!…
सारा जीवन खो आया हूँ तब आया हूँ
सारा जीवन खो आया हूँ तब आया हूँ पाप पुण्य सब ढो आया हूँ तब आया हूँ तुम पावन हो देवतुल्य, मैं तुम्हें समर्पित कलुष…
Nice
thank u
nice one
thank you
वाह
thanks u
वाह बहुत सुंदर रचना