मोहब्बत

तुम अपने हाथों क़ी मेहंदी मेंमेरा नाम लिखती थी औरमैं अपनी नज्मों में तुम्हे पुकारता था   लेकिन मोहब्बत की बातें अक्सर किताबी होती हैंजिनके…

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