Categories: हाइकु
rajesh arman
हर निभाने के दस्तूर क़र्ज़ है मुझ पे
गोया रसीद पे किया कोई दस्तखत हूँ मैं
राजेश'अरमान '
Related Articles
क्या कभी किसी को देखा है ?
क्या कभी किसी को देखा है ? दर्द से छटपटाते हुए। क्या कभी सुना है तुमने किसी को चुप-चाप चिल्लाते हुए। कठिन बड़ा है उस…
जरा दिल को थाम के
कोरोना बीमारी की दूसरी लहर ने पूरे देश मे कहर बरपाने के साथ साथ भातीय तंत्र की विफलता को जग जाहिर कर दिया है। चाहे…
उम्र लग गई
ख्वाब छोटा-सा था, बस पूरा होने मे उम्र लग गईं! उसके घर का पता मालूम था , बस उसे ढूंढने मे उम्र लग गईं !…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
कविता : वो सारे जज्बात बंट गए
गिरी इमारत कौन मर गया टूट गया पुल जाने कौन तर गया हक़ मार कर किसी का ये बताओ कौन बन गया जिहादी विचारों से…
वाह
Good