“कलमकार”

1457706666290

कलमकार के कलम की स्याही जिस दिन यारों खत्म हो गई,
या तो कोई जुल्म हुआ है उस दिन या वो अात्मा परम् हो गई,

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

एक कलमकार

एक कलमकार ————- जीता है हर किरदार एक कलमकार! जिंदगी की हर कसौटी पर खुद को खुद ही कसता है। उसकी कलम उत्तम लिखे इसीलिए…

कलमकार

एक कलमकार ————- जीता है हर किरदार एक कलमकार! जिंदगी की हर कसौटी पर खुद को खुद ही कसता है। उसकी कलम उत्तम लिखे इसीलिए…

Responses

+

New Report

Close