Categories: शेर-ओ-शायरी
Ushesh Tripathi
Student At Hansraj college , Delhi University
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
एक कलमकार
एक कलमकार ————- जीता है हर किरदार एक कलमकार! जिंदगी की हर कसौटी पर खुद को खुद ही कसता है। उसकी कलम उत्तम लिखे इसीलिए…
कलमकार
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घर और खँडहर
घर और खँडहर ईटों और रिश्तों मैँ गुंध कर मकान पथरों का हो जाता घर ज्यों बालू , सीमेंट और पानी…
sahi pakde h sahab !!
Haa ji bhaiya g
bahut khoob
Dhanyabad
pleasingly ingenious!!
Thanks for the appreciation
बहुत सुंदर प्रस्तुति
Good
Awesome