कलम में स्याही Pragya 4 years ago नि:शब्द हूँ निस्तेज मैं मस्तिष्क के आवेश में शब्द भारी पड़ रहे कलम की स्याही से नित यह कह रहे ना उल्लिखित कर पाऊँगा मैं तेरे भाव को ना प्रकट मैं कर पाऊँगा तो मैं क्यूँ लिखूं मैं क्यूँ रखूँ अब अपने कलम में स्याही??